haridwar me ghumne ki jagah-tourist place in haridwar

haridwar me ghumne ki jagah: हरिद्वार उत्तराखंड राज्य में स्थित एक ऐसा जिला है जो अपनी सभ्यता और संस्कृति को लेकर बहुत ही ज्यादा चर्चा में रहता है आज हम आपको हरिद्वार के इतिहास के बारे में और हरिद्वार में स्थित बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध स्थानों के बारे में बताने वाले हैं और साथ में बताएंगे कि हरिद्वार की यात्रा में होने वाली अनावश्यक खर्चों को कैसे बचा  सकते हैं इन सभी आवश्यक बातों को जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को आखिर तक जरूर पढ़े  

haridwar me ghumne ki jagah
haridwar me ghumne ki jagah

 

haridwar me ghumne ki jagah

 

  1. हर की पौड़ी
  2. मनसा देवी मंदिर
  3. भारत माता मंदिर
  4. पावन धाम मंदिर
  5.  चिल्ला  वन्य जीव अभ्यारण

 

चलिए अब हम लोग हरिद्वार के इतिहास के बारे में कुछ जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश करते हैं हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार समुद्र का मंथन करने के दौरान अमृत की कुछ बूंदे हरिद्वार में आकर गिर गई इसी कारण से हरिद्वार को एक पवित्र स्थल के रूप में जाना जाता है हरिद्वार में ही 12 साल में एक बार कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है इनमे  लाखों श्रद्धालु देश भर के कोने-कोने से आते हैं और अपनी मनोकामना पूरी करने की कोशिश करते हैं
 
 हरिद्वार में  प्राचीन मंदिर होने के साथ-साथ बहुत सारे ऋषि मुनि के आश्रम भी रहे हैं इन्ही सभी कारन से हरिद्वार  को एक पवित्र तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है चलिए अब हम आपको हरिद्वार स्थित बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध स्थल के बारे में एक-एक करके जानकारी देने की कोशिश करते हैं

हरिद्वार में स्थित हर की पौड़ी/Har ki Paudi

 
 एक ऐसा घाट प्रसिद्ध है श्रद्धालुओं के बीच में ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु प्रकट हुए थे और उनके पैरों के निशान एक  पत्थर पर आज भी मौजूद है इसी घाट के बाद माँ गंगा पहाड़ी क्षेत्र को छोड़कर मैदानी क्षेत्र की तरफ बढ़ने लग जाते हैं और साल में एक बार होने वाले कुंभ और अर्द्ध कुंभ मेला इसी घाट पर  आयोजित किया जाता है यहां पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां के जल से नहाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और यही पर सभी धार्मिक कार्य किए जाते हैं 


हर की पौड़ी का मतलब क्या होता है?

हर की पौड़ी कहे या हरि की पौड़ी यह स्थान इंडिया  के उत्तराखण्ड प्रदेश की एक रिलिजन क्षेत्र हरिद्वार का एक पावन-पवित्र और सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान  है। हर की पौड़ी का मतलब होता है  "हरि यानी नारायण के चरण"। मुझे उम्मीद है आप इसका मतलब समझ गए होंगे 

हर की पौड़ी क्यों कहा जाता है?

हिन्दू धर्म ग्रंथो के अनुसार और पुरानी मान्यताओं के मुताबिक हर की पौड़ी घाट पर एक बार भगवान विष्णु एक बार यहां पर अवतरित हुए थे और इसी घाट के एक पत्थर पर उनके पावं के निशान मौजूद है  इसी कारन से इस घाट को हर की पौड़ी के नाम से जाना जाता है. अगर आप हरिद्वार आएंगे तो इस घाट पर जरूर आये आप को यह पर हर साम को गंगा आरती देखने को मिल सकता है
 
हर की पौड़ी की स्थापना कब हुई?

हर की पौड़ी की स्थापना सत्र ,1880 में राजा विक्रमादित्य ने अपने भाई भर्तृहरि के याद में इस घाट का निर्माण करवाया था 

हमारे इस लिस्ट में अगले  नंबर पर आता है मनसा देवी मंदिर/ Mansha Devi Mandir

 
 यह मंदिर हरिद्वार से 2 किलोमीटर की दूरी पर बल्लवा  पर्वत की चोटी पर स्थित है ऐसा माना जाता है कि मनसा देवी ने भगवान की अराधना इसी  पर्वत श्रृंखला पे की थी और हर साल लाखों श्रद्धालुओं दर्शन के लिए यहां पर उपस्थित होते हैं ऐसा माना जाता है यहां पर दिल से मांगी गई मन्नत पूरी होती और मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि आप कभी हरिद्वार आए तो इस मंदिर की यात्रा जरूर करे 

हरिद्वार का तीसरा सबसे प्रसिद्ध स्थल है  भारत माता मंदिर/Bharat mata mandir

इस मंदिर की स्थापना 1983 धार्मिक गुरु स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि द्वारा कराई गई और इस मंदिर का उद्घाटन उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था 

अगला प्रसिद्ध स्थल पावन धाम मंदिर/ Pawan Dham Mandir

इस मंदिर का निर्माण 1970  में स्वामी विवेकानंद महाराज जी ने करवाया था यह मंदिर हरिद्वार से 2  किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इस मंदिर में जितने भी मूर्ति है यह सभी मूर्ति कांच की बनी हुई है यहां पर आने वाले सभी साधु-संतों को रुकने के लिए एक विशेष इंतजाम किए जाते हैं पवन धाम मंदिर को गीता धाम ट्रस्ट की एक संस्था द्वारा चलाया जाता है अगर आप यहां आना चाहते हैं तो सुबह 6 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक आ सकते हैं 

हरिद्वार के प्रसिद्ध स्थानों में से अगला प्रसिद्ध स्थान है चिल्ला  वन्य जीव अभ्यारण/Chilla Vany jeev abhyaran

 
हरिद्वार में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल की यात्रा करने के बाद अगर आप प्राकृतिक के समीप जाना चाहते हैं तो यह स्थान आपके लिए सबसे बेस्ट होगा 250 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ यह अभ्यारण  का निर्माण 1977  में किया गया था 1983 इस अभियान का नाम बदलकर राजाजी राष्ट्रीय उद्यान नाम दे दिया गया है यह राष्ट्रीय उद्यान हरिद्वार से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है अगर आप यहां की यात्रा करते हैं तो आपको प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ बहुत सारे जीवन को देखने को मिल सकते हैं 

FAQs

 हरिद्वार के दर्शनीय स्थल
  1. गंगा आरती
  2. चंडी देवी मंदिर 
  3. राजाजी नेशनल पार्क 
  4. मनसा देवी मंदिर 
  5. भारत माता मंदिर 
  6. वैष्णो देवी मंदिर 
  7. पतंजली योगपीठ 
  8. स्वामि विवेकानंद पार्क
 
हरिद्वार कब जाये?
मिड जून से अगस्त का महीना ऐसा होता है, जब हरिद्वार को विजिट करने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होती है। तो आप भी इसी महीने में आये
 
हरिद्वार में ठहरने के लिए आश्रम ?
यदि आप आश्रम में ठहरना पसंद करते है तो शांति कुञ्ज हरिद्वार में एक आश्रम है जहाँ पर साफ स्वक्षता का बहुत अधिक  ध्यान दिया जाता है और रुकने  खाने के लिए एकदम  फ्री होता है ये एक ट्रस्ट है यदि आप चाहे तो इस ट्रस्ट में कुछ दान भी कर सकते है।

हरिद्वार का इतिहास क्या है?
कहा जाता है कि Haridwar को तीन देवताओं ने पवित्र किया है ब्रह्मा, विष्णु और महेश | कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने हर की पैड़ी के ऊपरी दीवार में पत्थर पर अपना पैर का छाप छोड़ें है 

दिल्ली से हरिद्वार जाने में कितने घंटे लगते हैं?
नई दिल्ली से हरिद्वारके बीच रेल द्वारा यात्रा का समय 4 घंटे 10 मिनट है। यह एक अनुमानित समय है इससे कम या ज्यादा समय भी हो सकता है 


हरिद्वार में क्या क्या चीज देखने लायक है?
हरिद्वार में  देखने के लिए  प्रसिद्द जगहों में से है हर की पौड़ी, मनसा देवी मंदिर, चंडी देवी मंदिर, ब्रह्मा कुंड, शांति कुञ्ज, पवन धाम, माया देवी टेम्पल, दक्ष महादेव मंदिर यह सभी प्रमुख हरिद्वार की प्रसिद्ध स्थल है। इसके इसके अलावा  हरिद्वार में बहुत सारी घूमने की जगह मौजूद है जहाँ पर भरी संख्या में टूरिस्ट घूमने आते  है।
 इस पोस्ट  को आखिर तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 

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