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 आज मैं आपको Srisailam mallikarjuna आंध्रप्रदेश की यात्रा पर लेकर जा रहा हूँ मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंगों बारह ज्योतिर्लिंगों में से महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिङ्ग है और माँ पार्वती के एक शक्तिपीठ में से एक है इस Post me Srisailam की संपूर्ण जानकारी देने वाला हूँ इसलिए यह post अंत तक देखना जरूरी है |

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श्रीशैलम कैसे पहुंचे How to Reach Srisailam


श्रीशैलम से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन  CumBum है जो Srisailam से साठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, लेकिन यह बहुत ही कम ट्रेनें रुकती हैं दूसरी ओर रेलवे स्टेशन मर्कापुर

है जो Srisailam से नब्बे किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहाँ पर सभी ट्रेनें रुकती हैं मरकापुर कम साउथ के शेयरों से ही ट्रेनें चलती है हिंदी भाषी राज्यों से जाने वाले यात्रियों के लिए सबसे सुविधाजनक हैदराबाद है श्रीशैलम से हैदराबाद दो सौ तीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है हैदराबाद से श्रीशैलम जाने के लिए आंध्रप्रदेश और तेलंगाना की सरकारी बसें उपलब्ध है हैदराबाद से श्रीशैलम पहुंचने के लिए दस से पांच घंटे का समय लगता है श्रीशैलम में कितने दिन रुके और कहाँ रुके अगर आप सिर्फ मल्लिकार्जुन स्वामी का दर्शन करना चाहते हैं तो आपको सी
सेलम में कम से कम एक दिन रुकना पड़ेगा और सी सेलम के दूसरे दर्शनीय स्थलों को भेज देना चाहते हैं तो दो दिन रुकना पड़ेगा सी सेलम में मल्लिकार्जुन स्वामी देवस्थान के भक्त निवास बने हैं उसमें नॉन एसी रूम का किराया तीन सौ से लेकर सात सौ तक है सी रूम का किराया सात
हज़ार तक है आंध्र प्रदेश टूरिज्म की होटल भी बने हैं उसमें ऑनलाइन रूम बुक कर सकते हैं पातालगंगा रोड पर श्री भ्रमर अंबिका और नीलकंठेश्वर डोरमेट्री हॉल भी बने हैं यहाँ पर एसी हॉल में कोर्ट का दो सौ पचास और नॉन एसी हॉल कोर्ट का डेढ़ सौ रुपये किराया है तीस रुपए किराया देकर आपको मैट भी मिल जाती है मेट को हॉल में फर्श पर डालकर आप सोच सकते हैं व्यवस्था के भक्त निवास में आप दो महीने पहले एडवांस में देवस्थान की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट सी सेलम ऑनलाइन डॉट कॉम पर जाकर ऑनलाइन रूम बुक कर सकते

हैं रूम बुकिंग और श्रीशैलम यात्रा की जानकारी मैंने मेरी वेबसाइट पर दे रखी है दोस्तों श्रीशैलम जाने की हमारी तैयारी पूरी हो चुकी है बम भोले का नाम लेके ऐसी सेलम यात्रा की शुरुआत करते हैं


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हम हैदराबाद रेलवे स्टेशन पर पहुँच चूके हैं हैदराबाद से हमें सी सेलम जाने
के लिए बस पकड़नी होगी श्रीशैलम जाने वाली बसें दो बस स्टैंड से छुट्टी है जे बी एस बस स्टैंड और एम बी बी एस बस स्टैंड हैदराबाद रेलवे स्टेशन से एमबीबीएस बस स्टैंड तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है सामने ऑटो वाले खड़े हैं हम यहाँ से एमबीबीएस बस स्टैंड जाएंगे हम एमबीबीएस बस स्टैंड पर पहुँच चूके हैं सामने ही इसी से लग जाने वाली बस खड़ी है हैदराबाद से सीलम जाने का बस किराया थ्री नाइंटी एट पड़ता है बस का टिकट ऑफ तेलंगाना स्टेट ट्रांसपोर्ट की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं हमारी बस
निकल चुकी है हैदराबाद से सीलम पहुंचने में हमें चार से पांच घंटे का समय लगेगा सामने ही पहाड़ी दिख रही है पहाड़ी के ऊपर से आगे घने जंगल का पूरा अस्सी किलोमीटर घाट का खतरनाक रास्ता है यह पूरा एरिया फॉरेस्ट रिज़र्व है और एक चेक पोस्ट से गुजरना पड़ेगा
यहाँ टोल पे करना पड़ता है यहाँ एक जरूरी बात बताना चाहूंगा यह चेकपोस्ट रात नौ: बजे से सुबह छह:
बजे तक बंद कर दिया जाता है इस दर में किसी भी वाहन को आगे जाने नहीं दिया जाता है यह टाइगर रिज़र्व एरिया है यहाँ से जंगल सफारी कर बाघों को देख सकते हैं रास्ते के दोनों तरफ हरी भरी चढ़े या दिख रही है श्रीसेलम पहुंचने से पहले रास्ते
में ही कुछ के बारे में आपको बतादू भगवान शिव श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिग के रूप में नल्लमला पर्वत पर विराजमान हैं और माता पार्वती ब्रह्मा नाम से जानी जाती है श्रीशैलम को दक्षिण भारत का कोई इलाज भी कहा जाता है यह स्वर्ग की अनुपम ता वाले इस पवित्र धाम में

History of Srisailam

में ही कुछ के बारे में आपको बतादू भगवान शिव श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिग के रूप में नल्लमला पर्वत पर विराजमान हैं और माता पार्वती ब्रह्मा नाम से जानी जाती है श्रीशैलम को दक्षिण भारत का कोई इलाज भी कहा जाता है यह स्वर्ग की अनुपम ता वाले इस पवित्र धाम में
शिव और शक्ति दोनों ही विद्यमान हैं इस कारण श्रीशैलम का महत्व और भी बढ़ जाता है मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंगों की कथा इस प्रकार है गणेशजी और कार्तिकेय के बीच शादी को लेकर विवाद हुआ शिवजी ने विवाद खत्म करने के लिए प्रस्ताव रखा तुम दोनों में जो कोई भी पृथ्वी की

परिक्रमा करके पहले यहाँ वापस आएगा, उसी का विवाह पहले होगा शर्त सुनते ही कार्तिकेय जी पृथ्वी की परिक्रमा करने के लिए दौड़ पड़े लेकिन गणेशजी ने शिवजी और माता पार्वती की सात परिक्रमा की और पृथ्वी की परिक्रमा करने का फल उन्हें प्राप्त हुआ भगवान शिव ने उनका विवाह पहले
कर दिया जब कार्तिकेय स्वामी पृथ्वी की परिक्रमा कर लौटे तो उन्होंने देखा गणेश जी का विवाह संपन्न हो चुका है कार्तिकेय स्वामी नाराज हो गए और क्रोध पर उतरकर चले गए माता पार्वती उन्हें मनाने कोच पर्वत पर पहुंची और भगवान शिव भी ज्योतिर्लिग के रूप में वहाँ प्रकट हुए
तभी से शिवलिंग मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंगों के नाम से विख्यात हुआ मल्लिका माता पार्वती का नाम है जबकि अर्जुन भगवान शंकर को कहा जाता है हम श्रीशैलम पहुँच चूके हैं यह नदी सर्किल है, सामने ही मंदिर दिख रहा है ये सवस्थ से चलकर मंदिर के मेन गेट की तरफ जाएंगे रस्ते

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में दोनों साइड में दुकानें लगी हुई है यह मुख्य प्रवेश द्वार होंगे दर्शन लाइन में लगने के लिए हमें इस रास्ते से जाना पड़ेगा हम दर्शन लाइन की तरफ पहुँच चूके हैं यहाँ आपको अलग अलग लाइनें दिखेगी अगर आप कम समय में दर्शन करना चाहते हैं तो शीघ्र दर्शन
का डेढ़ सौ रुपये का टिकट इस काउंटर पर जाकर लेना पड़ेगा आप अभिषेक और पूजा करना चाहते हैं, तो उसका भी अलग अलग कीमत का टिकट लेना पड़ता है हम इस काउंटर से फ्री दर्शन का कार्ड लेंगे दर्शन लाइन में लगने से पहले हम बाहर से मंदिर का दर्शन
करेंगे और कुछ बातें भी करेंगे बाद में दर्शन लाइन में लग जाएंगे दोस्तों में पेड़ दर्शन शीघ्र दर्शन में विश्वास नहीं रखता ही हम इतनी दूर से भगवान का दर्शन करने आते हैं उसके लिए हमारे पास समय नहीं है शीघ्र उनका टिकट निकाल कर आधे घंटे में भगवान के
दर्शन कर मंदिर से बाहर आ जाएंगे फिर दर्शन लाइन में लगेंगे तो चार से पांच घंटे हम उस पवित्र जगह पर गुजारेंगे जहाँ साक्षात भगवान शिव और पार्वती विराजमान हैं शिव जी की भक्ति में लीन होकर पवित्र स्थल पर गुजरेंगे तो शिव की कृपा तो ज्यादा बनी रहेंगी मंदिर
के भीतर मोबाइल कैमरा ले जाना अलाउड नहीं है दर्शन लाइन के सामने ही क्लॉक बने हैं वहाँ मोबाइल कैमरा रख सकते हैं अभी हम फ्री दर्शन लाइन की तरफ जाएंगे आपको कुछ लोग नंगे बदन नजर आ रहे हैं, आपको बता दू दर्शन के लिए यहाँ कोई ड्रेस कोड नहीं

है जिन लोगों को अभिषेक करना होता है उनको धोती या लुंगी पहनकर नंगे बदन जाना पड़ता है और महिलाओं को साड़ी पहनकर ही जाना पड़ता है सामने ही फ्री दर्शन लाइन दिख रही है हम यहाँ से लाइन में लगेंगे इस तरह मंदिर के दीवार से लगे लोहे के पिंजरे
से गुजरकर हम मंदिर के भीतर प्रवेश करेंगे हम मंदिर के भीतर पहुँच चूके हैं बाबा भोले के दर्शन की आस लगी है शिव जी का दर्शन करने मन बहुत ही उतावला हो रहा है यह नदी मंडप है विशाल नंदी भगवान की मूर्ति इस मंडप में विराजमान हैं नंदी मंडप

से गुजरकर इस गर्भगृह तक हम पहुँच जाएंगे गर्भगृह का शिखर सोने से बनाया गया है इस गर्भगृह में स्वयंभू मल्लिकार्जुन स्वामी विराजमान है बाबा भोले का एक और सुंदर रूप का दर्शन कर मन को बहुत ही शांति और सुकून मिला के देवों के देव महादेव हम सभी को शक्ति
दे, हिम्मत दे पृथ्वी पर मौजूद अपने सभी रूपों का हम जिंदगी के रहते हैं, दर्शन कर सकें इस मंदिर के ठीक पीछे ब्रह्मा देवी का मंदिर है यहाँ भी लाइन में लगना पड़ेगा यह माता सती का शक्तिपीठ है यहाँ माता सती के गर्दन का हिस्सा गिरा था सामने ही
गर्भगृह दिख रहा है माता ब्रह्मा देवी का दर्शन कर लेते हैं आज भगवान शिव और माता पार्वती का दर्शन एक साथ करने का सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ है माता का दर्शन करने के बाद हम मंदिर से बाहर आ जाते हैं श्रीसेलम के कुछ नजदीकी स्थलों को हम बैठ देंगे

Srisailam Dam

हम अभी कृष्णा नदी के घाट पर जाएंगे जिसे पाताल गंगा कहते हैं पाताल गंगा मंदिर से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर जीते पातालगंगा जाने के दो रास्ते हैं पैदल सीढ़ियां उतरकर आप पातालगंगा पहुँच सकते हैं और स्नान कर सकते हैं दूसरा रास्ता रोकने से पाताल गंगा जाना हम रुपये
से नीचे जाएंगे हम रोपवे के पास पहुँच चूके हैं इस गेट से भीतर जाना होगा सामने ही रोपवे का हॉबीज दिख रहा है यहाँ से टिकट निकालना होगा ऊपर से शीशे, डैम, डैम नजर आ रहा है जब हम बस से आए थे तो हमारी बस इस डैम से गुजर
कर आयी थी हम अब भी रोपे में बैठ चूके हैं और चलना शुरू हुआ है और बहुत ही रोमांच से भरा अनुभव है कुछ ही मिनट में हम नीचे पहुँच जाएंगे हम अभी नीचे पहुँच चूके हैं यहाँ से कुछ सीढ़ियां उतरकर नीचे जाना होगा हम नीचे जाकर बोर्ड से
शीशे, डैम, डैम की सैर करेंगे सामने बोर्ड का वेटिंग रूम दिख रहा है यहाँ से अंदर वेटिंग रूम में जाते हैं सामान्य टिकट काउंटर दिख रहा है, पच्चास रुपये का टिकट लेना पड़ेगा हमारी बोट शुरू हो चुकी हैं कृष्णा नदी पर बने इस डैम की सैर का बहुत ही
आनंद आ रहा है बहुत ही खूबसूरत दृश्य दिख रहा है इस डैम को बनाने में बीस साल लगे हैं और इस डैम पर भारत का दूसरा बड़ा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट बनाया गया है पाताल गंगा से हम साक्षी गणपति जाएंगे हम साक्षी गणपति पहुँच चूके हैं श्रीशैलम से साक्षी गणपति

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तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जब हम हैदराबाद से श्रीशैलम आते हैं तो रस्ते में ही शक्ति गणपति मंदिर पड़ता है साक्षी गणपति का दर्शन करना अनिवार्य है, नहीं तो शिव भगवान और माता पार्वती का आशीर्वाद आपको नहीं मिलेंगे श्री गणेश जी आपकी सी सेलम आने की उपस्थिति दर्ज कराते हैं गणेश जी का दर्शन हम कर लेते हैं श्रीशैलम पर्वत पर और भी कई दर्शनीय स्थल हैं उनकी जानकारी मैंने मेरी वेबसाइट पर दे रखी है आप अवश्य जाकर देखें यहाँ हमारे शीशे लंबी यात्रा की समाप्ति होती है आगे और मिलेंगे नई सफर में वीडियो अच्छा लगा

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